जेंडर व माइग्रेशन प्रशिक्षण में गीता हुईं सम्मानित

जांजगीर,छत्तीसगढ़। प्रवासी मजदूरों के हित में राष्ट्रीय श्रम संस्थान, नोएडा में जेंडर एंड माइग्रेशन आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रम में जांजगीर-चांपा (छत्तीसगढ़) की भारतीय मजदूर संघ की जिला कार्यकारी अध्यक्ष और भारतीय प्राइवेट ट्रांसपोर्ट मजदूर महासंघ अखिल भारतीय मंत्री गीता सोनी को सक्रिय सहभागिता निभाने के फ़लस्वरूप उन्हें सम्मानित किया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में देशभर से प्रतिभागियों ने शिरकत की।
कार्यक्रम का उद्देश्य प्रवासी महिला व पुरुष मजदूरों के अधिकारों के प्रति जागरूकता फैलाना था। गीता सोनी ने प्रशिक्षण सत्रों में अपने अनुभव साझा किए और प्रवासी महिला श्रमिकों से जुड़ी चुनौतियों पर महत्वपूर्ण सुझाव दिए।
गीता सोनी न केवल ट्रांसपोर्ट बल्कि संगठित और असंगठित दोनों ही क्षेत्रों में लगातार सक्रिय रूप से कार्य कर रही हैं। हाल ही में उन्हें भारतीय प्राइवेट ट्रांसपोर्ट मजदूर महासंघ के द्वारा तेलंगाना और मध्य प्रदेश की प्रभारी के रूप में भी नियुक्त किया गया है।
कार्यक्रम के समापन अवसर पर कोर्स डायरेक्टर एलीना सामर्थे और डायरेक्टर जनरल डॉ. अरविंद ने गीता सोनी को प्रमाणपत्र प्रदान कर सम्मानित किया। इस प्रशिक्षण में छत्तीसगढ़ से कुल तीन प्रतिभागी शामिल हुए, जिनमें गीता सोनी की भूमिका महत्वपूर्ण रही। जेंडर एंड माइग्रेशन प्रशिक्षण पूर्ण कर गीता सोनी ने प्रमाण पत्र प्राप्त किया। गीता शोषित पीड़ित महिलाओं के अधिकार व श्रमिक हित में लम्बे समय से कार्य कर रही हैं। भारतीय मजदूर संघ के आमंत्रण पर गीता इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में सम्मिलित हुईं। गीता सोनी ने प्रवासी महिलाओं के सामने आने वाली चुनौतियों—जैसे रोजगार में असमानता, सामाजिक भेदभाव, आवास और स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच—पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने बताया कि प्रवासी महिलाएं दोहरी चुनौतियों का सामना करती हैं, एक ओर वे नए माहौल में खुद को ढालने की कोशिश करती हैं और दूसरी ओर आर्थिक व सामाजिक असुरक्षा से जूझती हैं।

सत्रों में गीता ने ग्रामीण एवं शहरी प्रवासी महिलाओं के अनुभव, सरकारी योजनाओं की उपलब्धता और उनके प्रभावी क्रियान्वयन पर सुझाव दिए। उनके सक्रिय विचार-विमर्श और व्यावहारिक सुझावों की आयोजकों ने सराहना की। कार्यक्रम के समापन अवसर पर उन्हें विशेष सहभागिता सम्मान प्रदान किया गया। सम्मान ग्रहण करते हुए गीता सोनी ने कहा कि यह प्रशिक्षण उनके लिए ज्ञानवर्धक और प्रेरणादायक रहा। उन्होंने संकल्प लिया कि वे आगे भी प्रवासी महिलाओं की समस्याओं को उजागर करने और उनके समाधान के लिए निरंतर कार्य करती रहेंगी। उनके इस योगदान ने न केवल उनकी सामाजिक प्रतिबद्धता को प्रमाणित किया, बल्कि जिले के लिए गर्व का अवसर भी प्रदान किया।

ब्यूरो रिपोर्ट
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